बुधवार को MTAR Technologies का शेयर हल्की गिरावट के साथ ₹2,500 पर बंद हुआ, लेकिन चर्चा इसकी कीमत पर नहीं – बल्कि उन संकेतों पर है जो कंपनी को दीर्घकालिक खेल में एक मजबूत दावेदार बनाते हैं। एक ओर Q2 FY26 के वित्तीय नतीजे कमजोर हैं, वहीं दूसरी ओर FIIs और DIIs दोनों अपनी हिस्सेदारी बढ़ा रहे हैं। यह विरोधाभास क्यों? इसका जवाब MTAR के ऑर्डर बुक, सेक्टर डायवर्सिफिकेशन और आने वाली क्षमता वृद्धि में छिपा है।

कंपनी Overview
1969 में स्थापित MTAR Technologies हाई-प्रिसीजन इंजीनियरिंग का एक प्रमुख नाम है। कंपनी अंतरिक्ष, रक्षा, परमाणु ऊर्जा, एयरोस्पेस और क्लीन एनर्जी जैसे अत्यधिक तकनीकी क्षेत्रों के लिए जटिल उपकरण, propulsion systems, critical assemblies, subsystems और high-end components बनाती है। यह वही उद्योग हैं जहाँ प्रवेश बाधाएँ (entry barriers) बहुत ऊँची होती हैं – और वैश्विक स्तर पर विश्वसनीय सप्लायर कम।
शेयरधारिता पैटर्न
Q2 FY26 में FIIs ने अपनी हिस्सेदारी 7.57% से बढ़ाकर 9.21% कर ली। DIIs ने भी 23.51% से 24.81% तक बढ़ाई।
जब वित्तीय नतीजे कमजोर हों और फिर भी संस्थान खरीद बढ़ाएँ – तो यह आमतौर पर संकेत देता है कि वे कंपनी के दीर्घकालिक narrative पर भरोसा रखते हैं।
Financial Performance
Q2 FY26 के नतीजों ने कंपनी की कमाई पर दबाव दिखाया है। नीचे YoY और QoQ तुलना दी गई है:
मुख्य वित्तीय तथ्य (Q2 FY26 बनाम Q2 FY25 और Q1 FY26)
| संकेतक | Q2 FY26 | Q2 FY25 | YoY परिवर्तन | Q1 FY26 | QoQ परिवर्तन |
|---|---|---|---|---|---|
| राजस्व | ₹135.59 करोड़ | ₹190.18 करोड़ | -28.7% | ₹156.58 करोड़ | -13.4% |
| EBITDA | ₹17 करोड़ | ₹36.57 करोड़ | -53.5% | ₹28.45 करोड़ | -40.3% |
| PAT | ₹4.59 करोड़ | ₹18.78 करोड़ | -75.6% | ₹11.23 करोड़ | -59.1% |
नतीजे साफ़ दिखाते हैं –राजस्व, ऑपरेटिंग मार्जिन और मुनाफ़ा तीनों तरफ़ से दबाव है। लेकिन कहानी यहीं खत्म नहीं होती।
लंबी अवधि का ट्रैक रिकॉर्ड
पिछले पाँच वर्षों में MTAR ने:
• राजस्व CAGR ~26%
• मुनाफ़ा CAGR ~11% दर्ज किया है।
ROE 7.51%, ROCE 10.5%, debt-to-equity मात्र 0.25 और तुलनात्मक रूप से ऊँचा P/E (167x बनाम इंडस्ट्री 63x) यह दिखाता है कि बाज़ार अभी भी कंपनी को प्रीमियम वैल्यूएशन देता है – क्योंकि इसके बिज़नेस मॉडल में उच्च तकनीकी जटिलता है।
Strong Order Book
सितंबर 2025 तक MTAR के पास ₹1,296.6 करोड़ का ऑर्डर बुक था – और सिर्फ Q2 में ही ₹497.7 करोड़ के नए ऑर्डर जोड़े गए।
इसके बाद नवंबर 2025 तक ₹751.75 करोड़ का ताज़ा ऑर्डर जुड़ा, और प्रबंधन का अनुमान है कि FY26 के अंत तक ऑर्डर बुक ₹2,800 करोड़ तक पहुंच सकती है।
यही revenue visibility संस्थागत निवेशकों को आकर्षित कर रही है।
Diversification
MTAR एक ही उद्योग पर निर्भर नहीं है। इसके मुख्य सेक्टर हैं:
• Defence
• Aerospace
• Nuclear
• Clean Energy
इन सभी क्षेत्रों में – चाहे geopolitics हो, energy transition हो या सरकार की “domestic capability” push – मांग structurally मजबूत बनी हुई है।
इसका मतलब: कमज़ोर तिमाही कोई संरचनात्मक समस्या नहीं दर्शाती।
Clean Energy Capacity Expansion
कंपनी “future-tech engineering” पर भी बड़ा दांव लगा रही है – जैसे hydrogen energy systems, nuclear applications और hot-box solutions।
• Hot boxes की क्षमता 8,000 units से FY26 में 12,000 और FY27 में 20,000 units करने की तैयारी है।
• FY26 के लिए ₹35–40 करोड़ और FY27 के लिए ₹60 करोड़ capex तय किया गया है।
Emerging sectors में यह क्षमता वृद्धि MTAR को नए revenue pools की ओर ले जाती है।
Debt Reduction
कंपनी ने अपना दीर्घकालिक कर्ज FY25 के ₹81 करोड़ से घटाकर H1 FY26 में ₹59 करोड़ कर दिया है।
यह cash-flow सुधार और बैलेंस शीट मजबूत करने की दिशा में सकारात्मक संकेत है।
Future Outlook
प्रबंधन को FY26 में 30–35% राजस्व वृद्धि की उम्मीद है (पहले अनुमान 25% थे) और EBITDA मार्जिन ~21% के आसपास बनाए रखने का लक्ष्य है।
यानी कंपनी यह संकेत दे रही है कि वर्तमान कमजोर नतीजे cyclical हैं, structural नहीं।
निष्कर्ष
कमज़ोर तिमाही नतीजों के बावजूद संस्थानों की बढ़ती हिस्सेदारी, मजबूत ऑर्डर बुक, भविष्य की क्षमता वृद्धि और strategic सेक्टरों में उपस्थिति – ये सभी MTAR को एक दीर्घकालिक हाई-टेक इंजीनियरिंग प्लेयर के रूप में स्थापित करते हैं।
Short-term दबाव हो सकता है, लेकिन दीर्घकालिक संकेत बताते हैं कि MTAR आने वाले वर्षों में भारत की defence–aerospace–clean energy सप्लाई चेन में एक महत्वपूर्ण खिलाड़ी बन सकता है।










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